शनिवार, 16 फ़रवरी 2019

शहीद की पत्नी बोली- फोन पर हम बात कर रहे थे तभी धमाका हो गया

पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के शहीद होने वालों में जवान प्रदीप सिंह यादव भी शामिल थे। जिस समय यह घटना हुई वह अपनी पत्नी नीरज देवी से बात कर रहे थे। यह उनकी पत्नी और उनके बीच हुई आखिरी बात थी। 

उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के अजन सुखसेनपुर गांव की निवासी नीरज ने बताया, 'मैं अपने पति से फोन पर बात कर रही थी तभी मैंने दूसरी तरफ से कर्णभेदी आवाज सुनी। इसके कुछ सेकेंड बाद वहां पूरी तरह से शांति थी और मेरा फोन कट गया। मुझे लगा कि कुछ अनहोनी हुई है। मैंने उनके बारे में जानने के लिए कई बार फोन किया लेकिन मेरा सबकुछ खत्म हो चुका था।'

उन्होंने आगे बताया, 'मुझे बाद में एक फोन दूसरा फोन कॉल आया। इसबार सीआरपीएफ कंट्रोल रुम से फोन था जिन्होंने मुझे मेरे पति की धमाके में हुई मौत के बारे में बताया।' जब यह घटना घटी उस समय प्रदीप की पत्नी अपने दोनों बच्चों के साथ अपने मायके गई हुई थीं। खबर मिलने के बाद वह अपने पति के पैतृक गांव पहुंच गई हैं जहां उनका पार्थिव शरीर शनिवार को पहुंच जाएगा।

नीरज और प्रदीप की दो नाबालिग लड़कियां सुप्रिया (10) और सोना (2) हैं। रोते हुए नीरज ने कहा, 'उन्हें (प्रदीप) सोना से बहुत प्यार था और उन्होंने आखिरी बार गुरुवार को उसके बारे में पूछा था। उन्होंने मुझसे लगभग 10 मिनट तक बात की।' शहीद के परिवार के एक सदस्य ने कहा, 'नीरज और प्रदीप के बीच हुई बातचीत के कुछ मिनटों बाद हमने उसकी चीखें सुनी। सीआरपीएफ कंट्रोल रुम से फोन मिलने के बाद वह टूट गई। जिसने प्रदीप के शहीद होने की पुष्टि कर दी।'

इस महीने की शुरुआत में प्रदीप अपने घर आए थे। उनके ममेरे भाई सोनू ने कहा, 'मुझे अपनी भाई की शहादत पर गर्व है। लेकिन अंदर से हम बहुत गुस्से में भी हैं। यह सरकार को देखना है कि उसे आतंकियों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करनी है। अब हमें कार्रवाई चाहिए आश्वासन नहीं।' प्रदीप के अध्यापक का कहना है कि वह एक अच्छा छात्र था और हमेशा से देश की सेवा करना चाहता था।  
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