सर्वदलीय बैठक में राजनाथ सिंह बोले- सुरक्षा बलों को पूरी छूट, कांग्रेस नेता ने उठाई यह मांग
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर मोदी सरकार की ओर से शनिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक संसद के लाइब्रेरी कक्षा में हुई. इस बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, एनसीपी नेता शरद पवार सहित कई विपक्षी नेता शामिल हुए. बैठक में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा और इसके खिलाफ एकजुटता का प्रस्ताव पास किया गया. इस दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हमले के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की विपक्ष को जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षाबलों को फ़्री हैंड कर दिया गया है, वह मुंहतोड़ जवाब देने के लिए स्वतंत्र हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे लोग हैं जो सीमापार के इशारे पर चलते हैं, हम आतंकवाद को नेस्तनाबूत करेंगे आतंकवाद के खिलाफ हम एकजुट हैं. बैठक के बाद बाहर आए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से कहा कि हमने प्रधानमंत्री से सभी राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों के नेताओं की मीटिंग बुलाने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस की बातों को बैठक में दोहराया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह, गृह सचिव राजीव गौबा, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, नरेंद्र सिंह तोमर, जेपी यादव, के रंगराजन (सीपीएम), नेशनल कांफ्रेंस के फारुक अब्दुल्ला, चन्दू माजरा, के वेणुगोपाल, जितेंद्र रेड्डी, राम मोहन राय, नरेश गुजराल, डेरेक ओ ब्रायन, सुदीप बंधोपाध्याय, शरद पवार, आनंद शर्मा, आप सांसद संजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उपेंद्र कुशवाहा मौजूद रहे. इसके अलावा सीआरपीएफ के एडीजी भी मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि यह बैठक इसलिए आयोजित की गई, ताकि विपक्ष को लगे कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े गंभीर मसले पर सरकार उसे भरोसे में लेकर ही कोई कदम उठा रही है. अमूमन सुरक्षा आदि से जुड़ी बड़ी घटनाओं पर सर्वदलीय बैठक बुलाई जाती है. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं.
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